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Vastu Shastra Consultant

Updated: Jun 17

How to design home according to vastu shastra?

Vastu Shastra
VASTU CHAKRA


Vastu Shastra is a traditional Indian system of architecture and design that emphasizes the principles of harmony, balance, and energy flow. Here are some tips on how to design your home according to Vastu Shastra:


वास्तु शास्त्र वास्तुकला और डिजाइन की एक पारंपरिक भारतीय प्रणाली है जो सद्भाव, संतुलन और ऊर्जा प्रवाह के सिद्धांतों पर जोर देती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घर को कैसे डिजाइन करें, इसके कुछ टिप्स यहां दिए गए हैं:


Orientation: The orientation of the house is critical in Vastu Shastra. Ideally, the house should face east or north as it brings in positive energy and natural light.


अभिविन्यास: वास्तु शास्त्र में घर का उन्मुखीकरण महत्वपूर्ण है। आदर्श रूप से, घर का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और प्राकृतिक प्रकाश लाता है।

Main entrance: The main entrance is considered the gateway for positive energy to enter the house. It should be well-lit, clean, and free from clutter. Avoid placing mirrors or shoe racks near the entrance.


मुख्य प्रवेश द्वार: मुख्य द्वार को सकारात्मक ऊर्जा के घर में प्रवेश करने का प्रवेश द्वार माना जाता है। यह अच्छी तरह से प्रकाशित, स्वच्छ और अव्यवस्था से मुक्त होना चाहिए। प्रवेश द्वार के पास शीशा या शू रैक रखने से बचें।


Living room: The living room should be located in the east or north direction. It should have adequate lighting, natural


ventilation, and be clutter-free.

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लिविंग रूम: लिविंग रूम पूर्व या उत्तर दिशा में स्थित होना चाहिए। इसमें पर्याप्त रोशनी, प्राकृतिक वेंटिलेशन और अव्यवस्था मुक्त होना चाहिए।


Bedrooms: The master bedroom should be in the southwest corner of the house, while the children's bedroom should be in the northwest direction. The bedroom should be free of clutter, have good ventilation, and use calming colors.


शयनकक्ष: मास्टर शयनकक्ष घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए, जबकि बच्चों का शयनकक्ष उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। शयनकक्ष अव्यवस्था से मुक्त होना चाहिए, अच्छा वेंटिलेशन होना चाहिए, और शांत रंगों का उपयोग करना चाहिए।


Kitchen: The kitchen should be in the southeast corner of the house. It should be well-ventilated, clean, and clutter-free. Avoid placing the stove directly in front of the main door or under a beam.


किचन: किचन घर के आग्नेय कोण में होना चाहिए। यह अच्छी तरह हवादार, स्वच्छ और अव्यवस्था मुक्त होना चाहिए। चूल्हे को सीधे मुख्य दरवाजे के सामने या किसी बीम के नीचे न रखें।


Bathroom: Bathrooms should be located in the east or north direction. It should be well-lit, clean, and have proper ventilation.


बाथरूम: बाथरूम पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। यह अच्छी तरह से प्रकाशित, स्वच्छ और उचित वेंटिलेशन वाला होना चाहिए।


Colors: Use light, soothing colors like pastels or neutrals. Avoid using dark colors like black and red as they are believed to bring negative energy.


रंग: पेस्टल या न्यूट्रल जैसे हल्के, सुखदायक रंगों का प्रयोग करें। काले और लाल जैसे गहरे रंगों के प्रयोग से बचें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ये नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।

living room


Furniture: Avoid sharp edges in furniture and use round or curved shapes. Furniture made of wood is considered auspicious.


फर्नीचर: फर्नीचर में तेज किनारों से बचें और गोल या घुमावदार आकृतियों का उपयोग करें। लकड़ी से बना फर्नीचर शुभ माना जाता है।


Remember, Vastu Shastra is a guideline, not a set of rigid rules. You can use these tips as a starting point to create a home that is comfortable, harmonious, and filled with positive energy.


याद रखें, वास्तु शास्त्र एक दिशानिर्देश है, कठोर नियमों का समूह नहीं। आप इन युक्तियों का उपयोग एक ऐसे घर को बनाने के लिए शुरुआती बिंदु के रूप में कर सकते हैं जो आरामदायक, सामंजस्यपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हो।

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